World Championship: मीराबाई चानू ने ओलंपिक चैंपियन को हराकर सिल्वर मेडल अपने नाम किया

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भारत की स्टार वेटलिफ्टर और ओलंपिक मेडलिस्ट खिलाड़ी मीराबाई चानू ने दर्द के बाद भी वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल पर अपना कब्जा कर लिया है। और 28 साल की मीराबाई चानू ने 49 किग्रा वजनवर्ग में कुल 200 किग्रा का वजन उठाया है। और इस बीच उन्होंने टोक्यो ओलंपिक की चैंपियन खिलाड़ी चीन की होउ झीहुआ को भी हरा दिया हैं।

टोक्यो ओलंपिक की रजत पदक जीतने वाली मीराबाई चानू ने मंगलवार को अपने वजनवर्ग में स्नैच में 87 किलो ग्राम और क्लीन जर्क में 113 किग्रा वजन उठा दिया हैं। वहीं चीन की खिलाड़ी जियांग हुइहुआ ने कुल 206 किग्रा का भार उठाकर गोल्ड मेडल अपने नाम किया हैं। उन्होंने स्नैच में 93 किग्रा क्लीन एवं जर्क में 113 किग्रा भार उठाया है। और उनकी हमवतन झीहुआ ने टोटल 198 किग्रा भार उठाकर कांस्य पदक अपने नाम कर लिया हैं। वर्ष 2017 में गोल्ड मेडल जीतने वाली मणिपुर की भारोत्तोलक का प्रतियोगिता में यह उनका दूसरा मेडल है।

मीराबाई चानू ने मेडल जीतने के बाद यह कहा की ‘‘5 साल के बाद वर्ल्ड चैंपियनशिप में एक और मेडल जीतकर अपने देश लौटना मेरे लिए भावनात्मक रूप से बहुत गौरव की बात है। वर्ल्ड चैंपियनशिप में हमेशा ही काफी कड़ी प्रतिस्पर्धा होती रहती है। क्योंकि सबसे अच्छी ओलंपियन टॉप स्तर पर चुनौतिया पेश करते हैं। मेरी कलाई में थोड़ा भी दर्द था। लेकिन मैं मेरे देश के लिए पूरी जान झोकने के लिए तैयार ही रहती हूं। और यही उम्मीद करती हूं। कि मैं एशिया के खेलों और पेरिस ओलंपिक में गोल्ड मेडल के साथ भारत को ऐसे और बहुत से लम्हें दूंगी।’’

 कलाई के दर्द से है परेशान

चानू  की कलाई में सितंबर में ट्रेनिंग करते समय चोट लग गई थी। उन्होंने चोट के बाद भी अक्टूबर में राष्ट्रीय खेलों में भाग लिया था। और भारत के कोच विजय शर्मा ने पीटीआई से बात करते हुए कहा,की ‘‘हम चोट को लेकर ज्यादा कुछ नहीं कर सकते थे। क्योंकि हम वर्ल्ड चैंपियनशिप से बिल्कुल भी बाहर नहीं होना चाहते थे।

और हम उसकी कलाई पर जरूर ध्यान देंगे। क्योंकि अगली प्रतियोगिता से पहले हमारे पास बहुत वक्त है। इस प्रतियोगिता के लिए हम बिल्कुल भी दबाव नहीं ले रहे थे। मीराबाई चानू इतना वजन नियमित तौर पर उठाती ही है। अब हम भार बढ़ाना और सुधार करना भी शुरू करेंगे।’’

 मीराबाई ने दिखाया दम

मीराबाई चानू के भार वर्ग में 11 भारोत्तोलकों की मौजूदगी के बीच में काफी कड़ी प्रतियोगिता थी। लेकिन ज्यादा भारोत्तोलकों ने अधिक जोर न लगाने का निर्णय लिया। राष्ट्रमंडल खेलों में गोल्ड मेडल जीतने के बाद पहले इंटरनैशनल टूर्नामेंट में भाग ले रही है। मीराबाई चानू ने स्नैच में 84 किग्रा भार उठाकर शुरुआत की। उन्होंने दूसरे प्रयास में 87 किग्रा भार उठाया है। और यह वैध नहीं है। उन्होंने अपने तीसरे अटेंप में आसानी से 87 किग्रा का भार उठाया हैं।

स्नैच के बाद 5वे स्थान पर चल रही। मीराबाई ने क्लीन जर्क में अपने पहले ही प्रयास में 111 किग्रा का भार उठाने का प्रयास किया। जो सभी प्रतियोगियों के बीच में सबसे ज्यादा वजन था। मीराबाई के पहले प्रयास को ‘नो लिफ्ट’ भी कहा है। जिसको भारत ने चुनौती जरूर दी थीं। लेकिन जजों ने इस निर्णय को भी बरकरार रखा था।

क्लीन जर्क में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने वाली मीराबाई ने अपने अगले 2 प्रयास में 111कीग्रा और 113 किग्रा भार उठाया हैं। मणिपुर की मीराबाई चानू का वर्ल्ड चैंपियनशिप में यह दूसरा मेडल है। उन्होंने 2017 में गोल्ड मेडल अपने नाम किया था।

भारत के 4 वेटलिफ्टर टूर्नामेंट में ले रहे है हिस्सा

भारत के 4 और भारोत्तोलक एस बिंदिया रानी देवी, सी ऋषिकांत सिंह, अचिंता श्युली और गुरदीप सिंह भी वर्ल्ड चैंपियनशिप में अपनी अपनी चुनौतिया पेश कर रहे। वर्ल्ड चैंपियनशिप 2022 ओलंपिक 2024 की पहली क्वालीफाइंग प्रतिस्पर्धा है। पेरिस में भारोत्तोलक की केवल 10 स्पर्धाएं ही होने वाली है। जबकि टोक्यो खेलों में 14 स्पर्धाएं हुई थी।

ओलंपिक 2024 नियम के मुताबिक भारोत्तोलक के लिए 2023 वर्ल्ड चैंपियनशिप और 2024 वर्ल्ड कप में भाग लेना लगभग अनिवार्य है। और इसके साथ ही भारोत्तोलक को 2022 वर्ल्ड चैंपियनशिप 2023 महाद्वीपीय चैंपियनशिप, 2023 से तीन प्रतियोगिताओं में भाग लेना पड़ेगा। क्वालीफाइंग प्रतियोगिता में भारोत्तोलक के 3 सबसे अच्छे प्रदर्शन के आधार पर लास्ट का आकलन होगा।

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