अर्जुन तेंदुलकर के डेब्यू शतक पर सामने आया सचिन तेंदुलकर का रिएक्शन, जानिए क्या बोले सचिन

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Arjun Tendulkar Century

क्रिकेट जगत के भगवान कहें या ओर अनेक नामों से मशहूर द ग्रेट सचिन तेंदुलकर सबसे ज्यादा चर्चाओं में रहते हैं। और बुधवार को उनके बेटे अर्जुन तेंदुलकर ने जब रणजी ट्रॉफी में डेब्यू करते हुए। गोवा की टीम के लिए अपना पहला शतक लगाया। तो इसको देख पूरी दुनिया को सचिन तेंडुलकर की याद आ गई। सचिन तेंडुलकर ने भी अपने रणजी डेब्यू में सन 1988 में गुजरात की टीम के खिलाफ शतकीय पारी खेली थी। वर्ल्ड से अर्जुन के लिए यह संदेश आए। और बहुत सी बधाइयां भी आईं हैं। लेकिन सचिन तेंदुलकर की प्रतिक्रिया सोशल मीडिया पर नहीं दिख सकी हैं। यहां तक की सारा तेंदुलकर ने अपने भाई की उपलब्धि पर अपनी खुशी दिखाई है। की लेकिन उनके पिता सचिन तेंदुलकर के रिएक्शन का सभी को इंतजार था।

 सचिन तेंडुलकर की प्रतिक्रिया

अब दिग्गज सचिन तेंदुलकर की प्रतिक्रिया भी सामने आ चुकी है। सचिन तेंदुलकर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट तो नहीं की हैं। लेकिन एक पब्लिक प्रोग्राम में जब उनसे अर्जुन तेंदुलकर को लेकर सवाल किया। तो उनका कहना एकदम साफ था। और बेटे की इस बड़ी उपलब्धि पर हर पिता खुश रहते है। यहां तक कि सचिन यह भी कहा हे। कि एक क्रिकेटर के बेटे होने का दबाव बहुत ज्यादा रहता है। इसलिए अर्जुन तेंदुलकर को उनकी और से पूरी तरह से आजादी है। और शोशल मीडिया भी अर्जुन पर प्रेशर बिल्कुल न बनाए। यह बातें सचिन तेंदुलकर ने इनफोसिस 40 के कार्यक्रम में यह बात कहीं हैं।

उसको क्रिकेट से प्यार करने दो

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जब प्रोग्राम में सचिन तेंदुलकर से अर्जुन तेंदुलकर को लेकर यह सवाल किया गया। तो वह बोले,’अर्जुन तेंदुलकर का बचपन बहुत ही सिप्मल नहीं रहा है। और एक क्रिकेटर का बेटा होना इतना भी आसान नहीं होता हैं। यही वजह है। कि जब मुझे क्रिकेट से रिटायर होने के बाद मुंबई में मीडिया के द्वारा सम्मानित किया था। तो मैंने यही मैसेज उनको भी दिया था। कि, अर्जुन तेंदुलकर को क्रिकेट से प्रेम करने दो। उनको भी मौका मिलना चाहिए। उसके अच्छा प्रदर्शन करने के बाद कई स्टेटमेंट भी जरूर आएंगे। उसके ऊपर किसी प्रकार का प्रेशर नहीं होना चाहिए। क्योंकि मेरे ऊपर भी मेरे माता और पिता ने भी कभी प्रेशर नहीं डाला था।’

खुशी होती है बेटे की कामयाबी पे

सचिन तेंडुलकर ने इस बारे में बोलते हुए कहा की ‘मेरे माता और पिता ने मुझे हमेशा से ही आजादी दी है। मेरे ऊपर उनकी उम्मीदों का प्रेशर बिल्कुल नहीं था। केवल प्रोत्साहन और समर्थन मिलता था। जिससे मुझे यह ताकत मिली। कि कैसे और अच्छा कर सके। ऐसा ही मैं मेरे बेटे के लिए भी चाहता हूं। मैं हमेशा उससे यही कहता हूं। कि यह बिल्कुल भी आसान नहीं रहेगा। जो चैलेंजिंग होने वाला है। मुझे एक बात हमेशा से याद हैं।

मेरे पिता ने मुझसे जो बात बताई थी। जब मैंने भारत के लिए खेलना स्टार्ट किया था। तभी उनके पास खड़े व्यक्ति ने कहा था। कि ये सचिन तेंडुलकर के पिता हैं। मेरे पिता जी ने उस व्यक्ति को ये कहते सुन लिया। तो उन्होंने मुझसे कहा मेरे जीवन के सबसे बड़े पलों में से यह पल एक हैं। इसलिए बहुत खुशी होती है। जब आपका बेटा सफलता हासिल करता है।’

अर्जुन ने गोवा टीम के लिए रणजी ट्रॉफी के सीजन में राजस्थान टीम के खिलाफ अपना डेब्यू किया हैं। और उन्होंने 207 गेंदों में 120 रनों की बहुत अच्छी शतकीय पारी खेली है। जिसमें उन्होंने 16 चौके ओर 2 छक्के भी लगाए। इसके बाद इस बल्लेबाज ने गेंदबाजी में भी अपना जौहर दिखा दिया। और तीसरे दिन के अंत तक राजस्थान टीम के 2 खिलाड़ियों को आउट कर दिया। रणजी ट्रॉफी से पहले विजय हजारे ट्रॉफी और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में भी अर्जुन तेंदुलकर ने अच्छी गेंदबाजी की थी।

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